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  • The Power of True Friendship

    The Power of True Friendship

    "सच्ची मित्रता की शक्ति" गाँव के किनारे एक छोटा सा जंगल था, जहाँ विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी रहते थे। उन्हीं में से एक गिलहरी, जिसका नाम चीकू था, और एक कबूतर, जिसका नाम पीयू था, गहरे मित्र थे। वे रोज मिलकर खेलते, बातें करते और एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन जंगल में एक बड़ा सांप आया, जिसे देखकर सारे छोटे जानवर डर गए। सांप ने जंगल में हड़कंप मचा दिया और सभी को डराने लगा। चीकू और पीयू ने देखा कि सभी जानवर डर के मारे इधर-उधर भाग रहे हैं। उन्होंने फैसला किया कि वे मिलकर कुछ करेंगे ताकि सांप को भगाया जा सके। चीकू ने सुझाव दिया, "हम मिलकर एक जाल बनाते हैं। जब सांप उस जाल में फंस जाएगा, तो हम उसे जंगल से बाहर कर देंगे।" पीयू ने उसकी बात मान ली और वे दोनों मिलकर जाल बनाने लगे। चीकू ने पेड़ों से सूखी टहनियाँ और पत्तियाँ इकट्ठी कीं और पीयू ने अपनी चोंच से उन्हें बाँधने में मदद की। कुछ ही समय में उन्होंने एक मजबूत जाल तैयार कर लिया। अब बारी थी उसे सही जगह पर लगाने की। चीकू और पीयू ने जाल को जंगल के बीच में एक जगह रख दिया, जहाँ से सांप अक्सर गुजरता था। उन्होंने जानवरों को भी सतर्क कर दिया कि वे उस तरफ न जाएँ। अगले दिन जब सांप वहाँ से गुजरा, तो वह जाल में फंस गया। सांप ने बहुत कोशिश की बाहर निकलने की, लेकिन जाल इतना मजबूत था कि वह बाहर नहीं निकल सका। चीकू और पीयू ने बाकी जानवरों को बुलाया और सबने मिलकर सांप को जंगल से बाहर दूर एक नदी के किनारे छोड़ दिया। इस घटना के बाद जंगल के सभी जानवर चीकू और पीयू की बहादुरी की प्रशंसा करने लगे। उन्होंने समझा कि सच्ची मित्रता और मिलकर काम करने की शक्ति से कोई भी मुश्किल हल की जा सकती है। चीकू और पीयू ने भी यह सीखा कि एक-दूसरे की मदद और साथ देने से किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है। उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई और वे पहले से भी ज्यादा खुशहाल जिंदगी जीने लगे। इस तरह, सच्ची मित्रता की शक्ति ने उन्हें न केवल संकट से बाहर निकाला, बल्कि सभी को एक महत्वपूर्ण सबक भी सिखाया कि एकता में शक्ति है।